इस बार मेले में लगभग 12 लाख श्रद्घालुओं ने कपालमोचन (जिला यमुनानगर) के तीनों सरोवरों में स्नान किया और सभी मंदिरों और गुरूद्वारों में पूजा अर्चना की एवं मत्था टेका। यह मेला हर वर्ष दीपावली के बाद लगता है और पांचवे दिन पूर्णिमा वाले दिन तक चलता है।
प्रत्येक श्रद्धालु ने सभी सरोवरों और सभी मंदिरों में भली प्रकार स्नान और पूर्ण विधिविधान से पूजा की। कपाल मोचन मेले में पंजाब से आए श्रद्वालूओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। प्राचीन काल से ही देवी-देवताओं, ऋषि-मुनियों, सूफी-संतों व गुरूओं की धरती रहे कपाल मोचन तीर्थ राज की यात्रा करने में विभिन्न धर्मो एवं साम्प्रदायों के लोगों की एक विशेष आस्था है। ऐसी मान्यता है कि कपाल मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य के जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते हैं। ऋण मोचन सरोवर में स्नान करने से मनुष्य सभी प्रकार के ऋणों से मुक्त हो जाता है और सूरज कुण्ड सरोवर में स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कपाल मोचन तीर्थ के तीनों प्रसिद्घ एवं धार्मिक सरोवर मानव जाति को अन्न, धन व वैभव देने वाले माने जाते हैं। कपाल मोचन के पवित्र सरोवरों में स्नान करने वाले लाखों श्रद्घालु ऐसे भी थे, जो पिछले कई वर्षो से लगातार यहां आ रहे हैं और उन्हें उनकी श्रद्घा का फल भी मिला है।
जय श्री राम, जय श्री श्याम
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