आज के समय में ये गाठी पाने वाला खेल यदा कदा ही दिखता है। कुछ वर्षों पहले तक बच्चे गाठी, गुल्ली-डंडा, पतंगबाजी, पकड़मकपड़ाई, लोहा-लक्कड़, छुपन-छुपाई, भागमभाग मतलब चैन बनाकर पकड़ना आदि खेल खेला करते थे। पर इन सभी खेलों पर टीवी के कार्टून्स ज्यादा हावी हो गये हैं और बच्चे क्रिकेट के दीवाने ज्यादा होते जा रहे हैं।
Thursday, December 30, 2010
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Sach in khelon ki baat hi kuchh aur hai.....
ReplyDeleteक्रिकेट हमारी सभ्यता को नेस्त-नाबूद कर रहा है!
ReplyDeletesahi keh rahe hai aap.
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